पवित्र बाइबल

एज्रा 10: विदेशी पत्नियों का त्याग और इज़राइल की पवित्रता की बहाली

**एज्रा 10: विदेशी पत्नियों का त्याग**

उन दिनों में, जब एज्रा यरूशलेम में परमेश्वर के भवन के साम्हने धरती पर बैठकर प्रार्थना कर रहा था और रो-रोकर अपने और अपने लोगों के पापों का अंगीकार कर रहा था, तब इज़राइल के पुरुष, स्त्रियाँ, और बालक उसके चारों ओर एक बड़ी मण्डली के रूप में इकट्ठे हो गए। वे भी बहुत रोए, क्योंकि उनका हृदय एज्रा के शब्दों से छू गया था।

तब एलाम के वंश के यहोनातान का पुत्र शकन्याह एज्रा के साम्हने खड़ा हुआ और बोला, “हमने अपने परमेश्वर के विरुद्ध पाप किया है, क्योंकि हमने इस देश की विदेशी स्त्रियों को ब्याह लिया है। परन्तु अब भी इज़राइल के लिए आशा है। आओ, हम परमेश्वर से एक वाचा बाँधें कि हम इन सब स्त्रियों और उनके द्वारा उत्पन्न बच्चों को त्याग दें, जैसा कि व्यवस्था में हमारे प्रभु की आज्ञा है। हे एज्रा, उठो! यह काम तेरे हाथ में है; हम तेरे साथ हैं। हियाव बाँधकर काम कर!”

यह सुनकर एज्रा उठा और प्रधान याजकों, लेवियों, और सारे इज़राइल से शपथ लेकर कहा कि वे इसी प्रकार का काम करेंगे। सब ने शपथ खाई।

फिर एज्रा ने परमेश्वर के भवन के साम्हने से उठकर एलियाशीब के पुत्र यहोहानान की कोठरी में जाकर वहाँ रोटी न खाई और न पानी पिया, क्योंकि वह अपने लोगों के अपराध के कारण शोक कर रहा था।

तब यहूदा और बिन्यामीन के सारे लोग यरूशलेम में इकट्ठे हुए। तीसरे दिन, जब वर्षा हो रही थी और लोग काँप रहे थे, वे सब परमेश्वर के भवन के चौक में बैठ गए। एज्रा ने उनसे कहा, “तुम लोगों ने पाप किया है, क्योंकि तुमने विदेशी स्त्रियों को ब्याह लिया है, और इस्राएल के दोष को और बढ़ाया है। अब अपने पूर्वजों के परमेश्वर यहोवा के साम्हने अंगीकार करो और उसकी इच्छा पूरी करो—अपने देश के लोगों से अलग हो जाओ और उन विदेशी स्त्रियों को त्याग दो।”

तब सारी मण्डली ने ऊँचे शब्द से उत्तर दिया, “जैसा तू ने कहा है, वैसा ही हमें करना चाहिए। परन्तु लोग बहुत हैं, और यह वर्षा का समय है; हम खुले में नहीं खड़े रह सकते। यह काम एक-दो दिन का नहीं है, क्योंकि हम में से बहुतों ने यह पाप किया है। इसलिए हमारे सब प्रधान लोग सारी मण्डली के लिए खड़े रहें, और जितने हमारे नगरों में विदेशी स्त्रियों को ब्याह ले गए हैं, वे सब नियत समय पर हमारे नगर के पुरनियों और न्यायियों के साथ आएँ, जब तक कि हमारे परमेश्वर का कोप हम से दूर न हो जाए।”

केवल यहोनातान का पुत्र असाहेल और तिकवा का पुत्र यहजीयाह इस काम के विरोध में खड़े हुए, और मशुल्लाम तथा शब्बेथै नामक लेवी उनका साथ दिया। परन्तु शेष सब लोगों ने इस योजना को मान लिया।

तब एज्रा ने प्रत्येक गोत्र के मुखियाओं को नियुक्त किया, और वे तीन महीने तक इस मामले की जाँच करते रहे। जब भी कोई व्यक्ति मिलता जिसने विदेशी स्त्री से विवाह किया था, वह उसे और उसके बच्चों को इज़राइल की मण्डली से अलग कर देता।

अन्त में, सबने अपनी-अपनी विदेशी पत्नियों और बच्चों को त्याग दिया, और इस्राएल फिर से अपने परमेश्वर की व्यवस्था के अनुसार चलने लगा। एज्रा ने सबके साम्हने परमेश्वर की स्तुति की और लोगों को आशीर्वाद दिया, क्योंकि उन्होंने अपने पापों से मुँह मोड़कर परमेश्वर की आज्ञा मानी थी।

इस प्रकार, इज़राइल ने अपनी पवित्रता को बहाल किया और परमेश्वर के साथ अपनी वाचा को दृढ़ किया। एज्रा की अगुवाई में, उन्होंने फिर से यहोवा की सेवा करने का संकल्प लिया, और परमेश्वर ने उन पर दया की।

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