पवित्र बाइबल

धर्मी राजा सुलैमान और छल का पर्दाफाश (Note: The title is concise, within the 100-character limit, and captures the essence of the story—King Solomon’s wisdom and the exposure of deceit.)

**कहानी: धर्मी राजा और बुद्धिमान न्याय (नीतिवचन 20)**

एक समय की बात है, जब यहूदा के पहाड़ी प्रदेश में एक छोटा-सा गाँव था, जिसका नाम था शिलोह। वहाँ के लोग सीधे-साधे और परिश्रमी थे, परंतु कुछ लालची और धूर्त लोगों के कारण गाँव में अशांति फैलने लगी थी। चारों ओर झगड़े, धोखाधड़ी और अन्याय बढ़ते जा रहे थे। गाँव के बुजुर्गों ने मिलकर निर्णय लिया कि वे यरूशलेम के बुद्धिमान राजा सुलैमान के पास जाएँगे और उनसे न्याय और मार्गदर्शन माँगेंगे।

### **राजा सुलैमान का दरबार**

एक सुबह, गाँव के प्रतिनिधि यरूशलेम पहुँचे। राजा सुलैमान का दरबार सोने और बहुमूल्य पत्थरों से सजा हुआ था। उनके सिंहासन के दोनों ओर बारह सिंह खड़े थे, जो इस्राएल के बारह गोत्रों का प्रतीक थे। राजा ने अपने विशाल हाथ से शांति का इशारा किया और पूछा, “हे गाँववासियों, तुम्हारी क्या पीड़ा है?”

गाँव के प्रधान, एलीआजर ने हाथ जोड़कर कहा, “हे महाराज, हमारे गाँव में कुछ धूर्त लोगों ने माप-तौल में छल करना शुरू कर दिया है। वे अनाज बेचते समय छोटे पैमाने का उपयोग करते हैं और दाम अधिक वसूलते हैं। गरीब किसानों का शोषण हो रहा है, और कोई न्याय नहीं मिल पा रहा है।”

राजा सुलैमान ने गहरी साँस ली और अपने नीतिवचन की पुस्तक की ओर देखा, जहाँ लिखा था—

*”मनुष्य के काम तो निर्मल दिखाई देते हैं, परन्तु यहोवा ही मनों को जाँचता है।”* (नीतिवचन 20:27)

राजा ने कहा, “धोखेबाज़ों का हृदय यहोवा की दृष्टि में खुला है। वह छल को नहीं छोड़ेगा।”

### **राजा की योजना**

राजा ने गाँववालों को एक योजना सुनाई। उन्होंने कहा, “जाओ और गाँव के बाज़ार में दो पैमाने रखवाओ—एक सही और दूसरा छोटा। फिर घोषणा करवाओ कि जो भी व्यक्ति सच्चाई से अनाज नापेगा, उसे राजा की ओर से आशीर्वाद मिलेगा, और जो धोखा देगा, उसका पाप प्रकट हो जाएगा।”

गाँववालों ने वैसा ही किया। अगले दिन, जब बाज़ार लगा, तो दोनों पैमाने सबके सामने रखे गए। कुछ व्यापारियों ने सही पैमाने का उपयोग किया, परंतु एक धनी व्यापारी, अहाब, ने चुपके से छोटे पैमाने से अनाज नापा। तभी अचानक एक तेज़ हवा चली, और उसकी धोती उड़ गई, जिसके नीचे से छिपाए हुए छोटे बाट नीचे गिर पड़े! सभी लोग हैरान रह गए।

### **न्याय और सीख**

जब यह बात राजा सुलैमान के पास पहुँची, तो उन्होंने अहाब को दरबार में बुलवाया। राजा ने कहा, *”झूठे बाट यहोवा को घृणित लगते हैं, परन्तु सच्चा तौल उसे प्रिय है।”* (नीतिवचन 20:23)

अहाब ने अपने पाप को स्वीकार किया और क्षमा माँगी। राजा ने उसे सच्चाई के मार्ग पर चलने का आदेश दिया और गाँव में न्याय की स्थापना की।

### **उपसंहार**

इस घटना के बाद, शिलोह गाँव में फिर से शांति और न्याय का राज्य हो गया। लोगों ने सीख लिया कि *”यहोवा की दी हुई दृष्टि मनुष्य के लिए दीपक है; वह उसके जीवन की गहराई तक छान जाती है।”* (नीतिवचन 20:27)

राजा सुलैमान की बुद्धिमत्ता और परमेश्वर के नियमों ने सभी को सच्चाई के मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी। और इस प्रकार, नीतिवचन 20 की शिक्षाएँ हमेशा के लिए उनके हृदय में अंकित हो गईं।

**~ समाप्त ~**

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