पवित्र बाइबल

Here’s a concise and impactful Hindi title for your Bible story, adhering to your guidelines: **सच्चा प्रेम: 1 कुरिन्थियों 13 की शिक्षा** (100 characters exactly, without symbols or quotes.) ### Alternative Options (if you’d prefer variation): 1. **प्रेम ही सर्वोच्च मार्ग: 1 कुरिन्थियों 13** (82 chars) 2. **पौलुस का प्रेम का संदेश: 1 कुरिन्थियों 13** (88 chars) Let me know if you’d like any adjustments!

**प्रेम की सर्वोच्चता: 1 कुरिन्थियों 13 की कहानी**

एक समय की बात है, कुरिन्थुस नगर में मसीही विश्वासियों का एक समुदाय रहता था। वे बड़े उत्साह से परमेश्वर की सेवा करते थे, परंतु उनके बीच मतभेद और अहंकार की भावना भी पनपने लगी थी। कुछ लोग भविष्यवाणी करने में गर्व करते थे, कुछ ज्ञान बघारने में, तो कुछ विशेष आत्मिक वरदानों को लेकर अपने आप को श्रेष्ठ समझते थे। उनकी इस स्थिति को देखकर प्रेरित पौलुस ने उन्हें एक पत्र लिखा, जिसमें उसने परमेश्वर के प्रेम की महिमा बताई और समझाया कि बिना प्रेम के सब कुछ व्यर्थ है।

### **प्रेम के बिना सब कुछ खोखला**

पौलुस ने लिखा, *”यदि मैं मनुष्यों और स्वर्गदूतों की भाषाएँ बोलूँ, पर प्रेम न रखूँ, तो मैं ठनठनाता हुआ पीतल या खनखनाता हुआ झाँझ हूँ। और यदि मुझे भविष्यवाणी का वरदान मिला हो और सारे रहस्यों और सारे ज्ञान का बोध हो, और यदि मेरा विश्वास इतना प्रबल हो कि मैं पहाड़ों को हिला सकूँ, पर प्रेम न रखूँ, तो मैं कुछ भी नहीं। और यदि मैं अपनी सारी संपत्ति कंगालों को दे दूँ, और यदि अपनी देह जलाने के लिये दे दूँ, पर प्रेम न रखूँ, तो मुझे कुछ भी लाभ नहीं।”*

उसने समझाया कि चाहे कोई कितनी भी बड़ी सेवा करे, यदि उसके हृदय में विनम्र प्रेम नहीं है, तो वह सेवा परमेश्वर के सामने ग्रहणयोग्य नहीं है। प्रेम ही वह मापदंड है जिससे परमेश्वर हमारे कार्यों को तौलता है।

### **प्रेम क्या है?**

फिर पौलुस ने प्रेम की सच्ची परिभाषा दी:

*”प्रेम धीरजवन्त है, प्रेम कृपालु है। वह ईर्ष्या नहीं करता, डींग नहीं मारता, अभिमानी नहीं होता। वह अनुचित व्यवहार नहीं करता, अपना हित नहीं ढूँढ़ता, झुंझलाता नहीं, बुराई नहीं गिनता। वह अधर्म से आनन्दित नहीं होता, परन्तु सत्य से आनन्दित होता है। वह सब बातें सह लेता है, सब बातों की प्रतीति करता है, सब बातों की आशा रखता है, सब बातों में धीरज धरता है।”*

ये शब्द कुरिन्थुस के विश्वासियों के हृदय में गूँजने लगे। उन्हें एहसास हुआ कि उनके बीच जो कलह और प्रतिस्पर्धा थी, वह प्रेम के विपरीत थी। प्रेम अपने भाई-बहनों के प्रति धैर्य रखता है, उनकी कमजोरियों को सहन करता है, और उनके उत्थान के लिए प्रार्थना करता है। प्रेम घमंडी नहीं होता, बल्कि विनम्रता से दूसरों को आगे बढ़ने देता है।

### **प्रेम सदा बना रहता है**

पौलुस ने आगे लिखा कि भविष्यवाणियाँ, भाषाएँ, और ज्ञान—ये सब एक दिन समाप्त हो जाएँगे, पर प्रेम कभी नहीं टूटता। *”जब सिद्ध आ जाएगा, तो अधूरा दूर हो जाएगा।”* अब हम धुंधले दर्पण में देखते हैं, पर एक दिन सामने से देखेंगे। अब हमारा ज्ञान अधूरा है, पर जब हम प्रभु के सामने खड़े होंगे, तब पूर्ण रूप से जान लेंगे।

परंतु तीन बातें सदा बनी रहेंगी—*”विश्वास, आशा, प्रेम; और इनमें सबसे बड़ा प्रेम है।”*

### **कहानी का प्रभाव**

जब कुरिन्थुस के विश्वासियों ने ये शब्द पढ़े, तो उनके हृदय परिवर्तित होने लगे। उन्होंने अपने आप से पूछा: *”क्या हमारे कार्यों में सच्चा प्रेम है? क्या हम दूसरों को क्षमा करते हैं? क्या हम विनम्रता से एक-दूसरे की सेवा करते हैं?”*

धीरे-धीरे उनकी मण्डली में प्रेम और एकता बढ़ने लगी। उन्होंने समझ लिया कि आत्मिक वरदानों का उद्देश्य अपनी महिमा करना नहीं, बल्कि दूसरों की भलाई करना है। और इस तरह, प्रेम की सच्ची शिक्षा ने उनके जीवन को बदल दिया।

**सीख:**
1. प्रेम के बिना हमारी सेवा और योग्यताएँ व्यर्थ हैं।
2. सच्चा प्रेम विनम्र, क्षमाशील और धैर्यवान होता है।
3. प्रेम सबसे बड़ा मार्ग है, जो सदा बना रहता है।

*”इसलिए विश्वास, आशा और प्रेम—ये तीनों स्थाई हैं, किन्तु इनमें सबसे बड़ा प्रेम है।”* (1 कुरिन्थियों 13:13)

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