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यहूदा के वंश की महिमा और दाऊद का आगमन

**1 इतिहास 2 की कहानी: यहूदा के वंश की महिमा**

प्राचीन काल में, इस्राएल के गोत्रों का इतिहास परमेश्वर के चुने हुए लोगों की वंशावली के रूप में लिखा गया। यहूदा का गोत्र, जिसमें से दाऊद और अंततः मसीहा प्रकट होना था, उसकी महिमा और विस्तार का वर्णन 1 इतिहास 2 में किया गया है। यह कहानी यहूदा के पुत्रों, उनके वंशजों, और परमेश्वर की योजना के अनुसार उनके जीवन की घटनाओं को दर्शाती है।

### **यहूदा के पुत्र और उनका वंश**

यहूदा, इस्राएल के पिता याकूब का चौथा पुत्र था, जिसे उसके भाइयों में से चुना गया था कि उसके वंश से ही शासक आएंगे। यहूदा के पाँच पुत्र हुए: एर, ओनान, शेला, पेरेस और जेरह। परन्तु एर और ओनान यहोवा की दृष्टि में बुरे थे, इसलिए परमेश्वर ने उन्हें मृत्यु के घाट उतार दिया। शेला बड़ा हुआ, किन्तु उसके वंशजों की संख्या कम रही। परन्तु पेरेस और जेरह से बड़े-बड़े कुल उत्पन्न हुए।

पेरेस के दो पुत्र हुए: हेस्रोन और हामूल। हेस्रोन के वंश ने इस्राएल के इतिहास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उसके पुत्र यरह्मेल, राम और कलुबाई बड़े हुए। राम के वंश में अंततः दाऊद राजा हुआ, जिसे परमेश्वर ने अपने हृदय के अनुसार चुना था।

### **यरह्मेल का परिवार**

यरह्मेल, हेस्रोन का ज्येष्ठ पुत्र था। उसके पुत्रों में राम, बूना, ओरेन, ओजेम और अहीज्याह थे। यरह्मेल के वंशजों ने कनान देश में अपने निवास स्थापित किए और उनकी संतानें बढ़ती गईं। उसकी एक पत्नी, अतारा नामक स्त्री थी, जिससे उसे ओनाम नामक पुत्र उत्पन्न हुआ। ओनाम के पुत्रों ने भी अपने-अपने परिवार बसाए और यहूदा के गोत्र को मजबूत किया।

### **राम का वंश और दाऊद का आगमन**

राम, हेस्रोन का दूसरा पुत्र था, जिसके वंश में अम्मीनादब, नहशोन और सल्मा हुए। नहशोन यहूदा के गोत्र का एक प्रमुख नेता था, जिसने मिस्र से निकलते समय इस्राएलियों का मार्गदर्शन किया। सल्मा से बोअज उत्पन्न हुआ, जिसने मोआबी स्त्री रूत से विवाह किया। रूत की विश्वासयोग्यता और परमेश्वर के प्रति समर्पण ने उसे इस्राएल के इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान दिया।

बोअज और रूत के पुत्र ओबेद हुए, ओबेद से यिशै उत्पन्न हुआ, और यिशै के आठ पुत्रों में से सबसे छोटा दाऊद था, जिसे परमेश्वर ने इस्राएल का राजा चुना। इस प्रकार, यहूदा के वंश से दाऊद का आगमन हुआ, जिसके वंश से ही भविष्य में मसीहा, यीशु का जन्म होना था।

### **कलुबाई और अन्य वंशज**

हेस्रोन का तीसरा पुत्र कलुबाई था, जिसने एप्राता नामक स्त्री से विवाह किया। उनके पुत्र हुर ने इस्राएल के इतिहास में महत्वपूर्ण योगदान दिया। हुर के पुत्र उरी और उरी के पुत्र बसलेल हुए, जो परमेश्वर की आत्मा से परिपूर्ण होकर एक कुशल कारीगर था और उसने मिलापवाले तम्बू के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

### **परमेश्वर की योजना की पूर्ति**

इस प्रकार, 1 इतिहास 2 की वंशावली न केवल नामों का एक सूची है, बल्कि परमेश्वर की उस अद्भुत योजना को प्रकट करती है जिसके अनुसार उसने यहूदा के वंश को चुना। इस वंश में से दाऊद जैसा धर्मी राजा आया, और अंततः यीशु मसीह, जो समस्त मानवजाति के उद्धारकर्ता बने।

यहूदा के वंश की यह कहानी हमें सिखाती है कि परमेश्वर अपने वादों को पूरा करता है, चाहे समय कितना भी लंबा क्यों न लगे। उसकी योजना सदैव सही और पूर्ण होती है, और वह अपने चुने हुए लोगों के माध्यम से अपनी महिमा प्रकट करता है।

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