**भविष्यवक्ता मीका की कहानी: अन्याय के विरुद्ध परमेश्वर की चेतावनी**
यहूदा के पहाड़ी प्रदेश में, मोरेशत नामक एक छोटे से गाँव में, मीका नाम के एक भविष्यवक्ता रहते थे। वह परमेश्वर के वचन को साहस के साथ सुनाने के लिए जाने जाते थे, चाहे लोग उसे सुनना चाहें या नहीं। उन दिनों, यहूदा और इस्राएल के लोगों ने परमेश्वर की आज्ञाओं को ताक पर रख दिया था। धनी लोग गरीबों का शोषण करते, न्यायाधीश रिश्वत खाते, और झूठे भविष्यवक्ता लोगों को मनमानी बातें सुनाकर उन्हें भ्रम में डालते थे।
एक दिन, परमेश्वर का आत्मा मीका पर उतरा, और उन्होंने लोगों के पापों के विरुद्ध एक कठोर संदेश सुनाया।
### **अन्यायियों की योजनाएँ**
शहर के बड़े-बड़े घरों में, धनी लोग रात के अंधेरे में योजनाएँ बनाते थे। “हमें और ज़मीन चाहिए,” एक सेठ ने दूसरे से कहा। “उस विधवा का खेत हमारे पास आना चाहिए। वह कमज़ोर है, उसका कोई रखवाला नहीं। हम उसके खेत को जबरदस्ती हड़प लेंगे।”
दूसरा हँसा, “और अगर वह विरोध करे, तो हम न्यायाधीश को कुछ सोने के सिक्के दे देंगे। वह हमारे पक्ष में फैसला सुना देगा।”
वे नहीं जानते थे कि परमेश्वर उनकी बातें सुन रहा है।
### **मीका का संदेश**
अगली सुबह, मीका ने गाँव के चौराहे पर खड़े होकर लोगों को पुकारा, “सुनो, हे अधर्मियो! तुम रात में पलंग पर बैठकर बुरी योजनाएँ बनाते हो। सुबह होते ही तुम उन्हें कार्यान्वित करते हो, क्योंकि तुम्हारे हाथों में शक्ति है। तुम खेतों को हड़पते हो, घरों पर कब्ज़ा करते हो, और निर्दोषों को उनकी विरासत से वंचित कर देते हो!”
लोगों ने मीका की ओर घूरकर देखा। कुछ ने उपहास किया, “यह फिर से हमें डराने आ गया है!”
लेकिन मीका ने अपनी आवाज़ ऊँची कर दी, “इसलिए परमेश्वर यह कहता है: ‘मैं तुम्हारे विरुद्ध एक विपत्ति तैयार कर रहा हूँ। तुम इससे अपने गर्दन नहीं छुड़ा पाओगे। तुम अब गर्व से नहीं चल पाओगे, क्योंकि यह समय बुरा होगा।'”
### **झूठे भविष्यवक्ताओं का उत्तर**
तभी कुछ झूठे भविष्यवक्ता आगे आए, जो धनी लोगों को खुश करने के लिए मीका का विरोध करने लगे। “मीका झूठ बोल रहा है!” उन्होंने चिल्लाकर कहा। “परमेश्वर तुम्हें आशीर्वाद देगा। तुम्हें कोई संकट नहीं आएगा!”
मीका ने उनकी ओर कठोर दृष्टि से देखा, “यदि कोई तुम्हें दाखरस और मदिरा के विषय में झूठी भविष्यवाणियाँ सुनाए, तो तुम उसे सहर्ष सुनते हो! क्या यही तुम्हारे भविष्यवक्ता हैं? वे केवल उन्हीं की बातें सुनाते हैं जो तुम सुनना चाहते हो। परन्तु सत्य यह है कि परमेश्वर का न्याय निकट है!”
### **परमेश्वर की प्रतिज्ञा**
फिर मीका ने उन लोगों को आशा का संदेश दिया जो अभी भी परमेश्वर की खोज में थे। “हे मेरी प्रजा, जो अत्याचार सह रही हो, शीघ्र ही एक समय आएगा जब परमेश्वर तुम्हें इकट्ठा करेगा। वह तुम्हारा चरवाहा बनेगा, और तुम्हें सुरक्षित रखेगा। वह तुम्हारे शत्रुओं को तोड़ देगा, और तुम उनकी भूमि में विश्राम पाओगे।”
कुछ लोगों ने मीका की बातों पर विचार किया और पश्चाताप किया, लेकिन अधिकांश ने उनकी चेतावनी को नज़रअंदाज़ कर दिया।
### **न्याय का आगमन**
कुछ समय बाद, जैसा मीका ने भविष्यवाणी की थी, असीरियन सेना ने यहूदा पर आक्रमण कर दिया। वे धनी लोग, जिन्होंने गरीबों का शोषण किया था, अब स्वयं बंदी बना लिए गए। उनके खेत और घर उजड़ गए। वे चिल्लाते रहे, “हमारे लिए बचाव कहाँ है?” लेकिन अब बहुत देर हो चुकी थी।
मीका ने देखा कि परमेश्वर का न्याय सही और न्यायसंगत था। उन्होंने लोगों को याद दिलाया, “परमेश्वर न्यायी है। वह अत्याचार को सहन नहीं करेगा। लेकिन वह उन सभी को माफ़ करने को तैयार है जो पश्चाताप करते हैं और सच्चाई के मार्ग पर चलते हैं।”
इस प्रकार, भविष्यवक्ता मीका ने परमेश्वर के न्याय और दया के संदेश को साहस के साथ प्रचारित किया, ताकि लोग सीखें कि धर्म और न्याय के बिना, कोई भी परमेश्वर के सामने खड़ा नहीं हो सकता।