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यीशु का यरूशलेम प्रवेश और मंदिर की शुद्धि

यीशु और उनके शिष्य यरूशलेम की ओर जा रहे थे। वे जैतून के पहाड़ के पास बैतफगे और बैतनियाह नामक गाँवों से होकर गुजरे। यीशु ने अपने दो शिष्यों को बुलाया और उनसे कहा, “तुम सामने के गाँव में जाओ।…

होशे की चेतावनी: पाप का दुखद अंत और भगवान की क्षमा

होशे 10 की कहानी एक ऐसे समय की है जब इस्राएल का हृदय भगवान से दूर हो चुका था। वे अपने ईश्वर को भूलकर मूर्तियों की पूजा करने लगे थे। उनकी ज़िंदगी में अहंकार, लालच और पाप का बोलबाला था।…

गोग-मागोग का युद्ध और परमेश्वर की विजय

यहेजकील 38 का विस्तृत कथा हिंदी में: प्राचीन काल में, परमेश्वर के भविष्यद्वक्ता यहेजकील को एक अद्भुत दर्शन दिया गया। यह दर्शन इस्राएल के भविष्य के बारे में था, जिसमें एक महान युद्ध का वर्णन किया गया था। यहेजकील ने…

यहेजकेल का इस्राएल को परमेश्वर का संदेश

एक समय की बात है, जब यहोवा का वचन यहेजकेल नबी के पास आया। यहेजकेल इस्राएल के पहाड़ों की ओर मुख करके खड़े हुए और उन्हें यहोवा का संदेश सुनाने लगे। उनकी आवाज़ गंभीर और दृढ़ थी, जैसे कि परमेश्वर…

परमेश्वर का अटूट प्रेम और नई वाचा

यिर्मयाह 31 की कहानी हमें इस्राएल और यहूदा के लोगों के साथ परमेश्वर के प्रेम और उनकी वाचा की गहराई को दर्शाती है। यह अध्याय परमेश्वर की दया, क्षमा, और उनके लोगों के साथ उनके अनंत प्रेम को प्रकट करता…

परमेश्वर का वादा: नई आशा और माफी

यशायाह 65 की कहानी एक ऐसे समय की है जब परमेश्वर अपने लोगों से बात कर रहे थे, उन्हें उनके पापों के लिए ताड़ना दे रहे थे और साथ ही उन्हें एक नई आशा और वादा भी दे रहे थे।…

यशायाह 33: संकट में परमेश्वर की शरण और आशा

यशायाह 33 की कहानी एक ऐसे समय की है जब यहूदा का राज्य संकट और अशांति से घिरा हुआ था। यहूदा के लोगों ने परमेश्वर की उपेक्षा की थी और उनके पापों ने उन्हें दुश्मनों के हाथों में डाल दिया…

यशायाह का संदेश: पाप से पश्चाताप और परमेश्वर की ओर लौटो

यशायाह की पुस्तक का पहला अध्याय एक ऐसा अध्याय है जो यहूदा और यरूशलेम के लोगों के पापों और उनकी अवज्ञा को उजागर करता है। यह एक ऐसा समय था जब लोगों ने परमेश्वर के साथ अपना रिश्ता खो दिया…

एलियाह की बुद्धिमत्ता और नीतिवचन का ज्ञान

एक समय की बात है, जब एक छोटे से गाँव में एक बुद्धिमान बूढ़ा व्यक्ति रहता था। उसका नाम एलियाह था। एलियाह को उसकी बुद्धिमत्ता और न्यायप्रियता के लिए पूरे गाँव में सम्मान दिया जाता था। वह अक्सर लोगों को…

दाऊद का परमेश्वर के प्रेम में डूबा हृदय

एक बार की बात है, जब राजा दाऊद परमेश्वर के प्रेम और उसकी महिमा के बारे में गहराई से सोच रहा था। वह अपने महल की छत पर खड़ा था, आकाश की ओर देखते हुए। उसके मन में परमेश्वर की…